Principal, Purnea College, Purnia
मैं सर्वप्रथम सीमांचल के प्रतिष्ठित महाविद्यालय पूर्णियाँ कॉलेज पूर्णियाँ के गौरवशाली इतिहास को नमन करती हूँ । मैं नमन करती हूँ उन दूर दृष्टा साहित्यकारों एवं बुद्धिजीवियों को जिन्होंने आने वाली पीढ़ियों के अध्ययन अध्यापन और बौद्धिक विकास को लेकर एक सुन्दर सपना देखा ।जिसने आगे चलकर 1948 ईसवी में पूर्णियाँ कॉलेज पूर्णियाँ के रूप में आकार लिया ।
सीमांचल की धरती को ख्याति प्रदान करने वाले मैला आँचल के लेखक फणीश्वर नाथ रेणु को प्रणाम करती हूँ । साथ ही राष्ट्रकवि दिनकर को नमन करती हूँ।जिन्होंने महाविद्यालय के मुख्य भवन में रश्मिरथी की रचना की । साहित्यकारों की पुण्यभूमि पूर्णियाँ शहर के आँगन में स्थित अपनी बौद्धिक खुशबू बिखेरता पूर्णियाँ कॉलेज पूर्णियाँ उस कल्प वृक्ष के समान है, जिसकी छाँव में बैठ कर अध्ययन अध्यापन करने से विद्यार्थी साधक को बौद्धिक समृद्धि प्राप्त होती है ।
हमारा मानना है कि प्रत्येक विद्यार्थी अपने विशिष्ट गुणों के कारण अलग है और उसके अंदर छुपी प्रतिभा को पहचान कर उसे विकसित करने एवं समाजोपयोगी बनाने हेतु अवसर प्रदान करना हमारा दायित्व है ।
मनुष्य की जीवन यात्रा में शिक्षा एक मशाल की तरह, भवसागर में प्रकाश स्तंभ की तरह है जो हमें सही-ग़लत, उचित-अनुचित, धर्म-अधर्म, नैतिक-अनैतिक का अंतर करने हेतु विवेक दृष्टि प्रदान करती है । जिससे छात्र अपने जीवन में आने वाली समस्याओं चुनौतियों का सामना करने एवं हल निकालने में सक्षम हो सके । आगे आने वाली पीढ़ियों का मार्गदर्शन भी कर सकें। पथ प्रदर्शक बन सकें । ...Read More
Hon'ble Chancellor-cum-Governor of Bihar
Hon'ble Chief Minister, Bihar
Hon'ble Vice Chancellor
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